क़ातिलों मे है नाम तेरा
रोज आशिक़ो को ठगती हो
दिल से हो शैतान इतनी
चेहरे से मासूम लगती हो
चाहते भी हो हमें और बोलते हो प्यार नहीं करते
तेरी धड़कन मे मैंने नाम सुना है अपना
बता क्या मजबूरी है ?
जो अपनी महोब्बत का इज़हार नहीं करते
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क़ातिलों मे है नाम तेरा
रोज आशिक़ो को ठगती हो
दिल से हो शैतान इतनी
चेहरे से मासूम लगती हो
चाहते भी हो हमें और बोलते हो प्यार नहीं करते
तेरी धड़कन मे मैंने नाम सुना है अपना
बता क्या मजबूरी है ?
जो अपनी महोब्बत का इज़हार नहीं करते